सरसों, पालक, मेथी, बथुआ ज़्यादातर सभी हरी सब्जियाँ ठंडी के मौसम मे आती है।
सच! इन सब्जियों को खाने का मज़ा तो ठंडी के मौसम मे ही आता है। रोज़ से थोड़ा हट कर बनाने पर बच्चे भी बड़े स्वाद से खाते है, इसी लिए छुट्टी के दिन मैंने सरसों का साग बनाया। सभी को स्वाद से खाते देखकर मेरी मेहनत सफल हो गई, आप भी इसे बना कर खाईएगा ज़रूर।
साग की दोस्ती मक्की की रोटी के साथ है और दोनों साथ खाए तभी खाने का पूरा आनंद आता है। हरी सब्जियों मे आयरन, कैल्शियम और भी बहुत गुण होते है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही उत्तम होते है।
सामग्री -
- 400 - ग्राम सरसों के पत्ते
- 150 - ग्राम पालक के पत्ते
- 100 - ग्राम बथुए के पत्ते
- 4 - टमाटर पिसे हुए
- 2 - प्याज बारीक कटे
- 2 - चम्मच मक्की का आटा (चार चम्मच पानी मे घोल ले)
- 1/2 - कटोरी दही
- 1- कटोरी देसी घी
- 1/2 - कटोरी घर का मक्खन
- 1 - चम्मच बारीक कटा अदरक
- 5 - हरी मिर्च बारीक कटी
- 1/2 - कटोरी बारीक कटा हरा धनिया
- 1 - चम्मच मिर्च पाउडर
- 1 - चम्मच सोठ (अदरक का सूखा पाउडर)
- 1 - चम्मच जीरा
- 1 - चम्मच गरम मसाला
- 2 - चम्मच सूखा धनिया पाउडर
- चुटकी भर हींग
- नमक स्वाद के अनुसार
विधि -
1) सरसों, पालक और बथुए को अच्छे से धो कर बारीक काट ले और एक बड़े बर्तन मे गैस पर रख कर उबाल ले बगैर ढके उबालेंगे तो साग हरे रंग का ही बनेगा।
2) ठंडा होने पर चमचे से घोट ले या हाथ से मीस ले, इसको मिक्सी मे नहीं पीसना है।
3) कढ़ाई को गैस पर रख कर गरम करे, उसमें चार चम्मच देसी घी डाले गरम होने पर हींग, जीरा, सूखा धनिया व लाल मिर्च डालकर भूने, हल्का भुनने पर प्याज डाले और भून ले अब अदरक, हरी मिर्च व पिसे टमाटर डालकर घी अलग होने तक चलाए।
4) उबाले हुए साग को कढ़ाई मे डाल कर अच्छे से चलाएँ जिससे साग एक सार हो जाए।
5) थोड़ा पकने पर दो चम्मच मक्की का आटा जो पानी मे घोलकर रखा है वह डाले व स्वाद के अनुसार नमक डाल कर पकाएँ, चाहे तो दो चम्मच घी और डाल दे, आप जितना घी डालकर पकाएंगे ये साग उतना ही चिकना व स्वादिष्ट बनेगा।
6) दस मिनट तक हल्की आंच पर पकने दे।
7) तैयार होने पर गरम मसाला व कटी हरी धनिया डाले। परसते समय (खाते समय) मक्खन डालकर मक्की की रोटी के साथ खाए।
टिप: इसमें कही भी पानी नही डालना है, हरी पत्तेदार सब्जियाँ पकने पर पानी छोड़ती है।
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