आप सोच रहे होंगे ये जलेबा क्या चीज़ है, सच तो यह है कि अगर आपने एक बार खा लिया तो कभी भी उसका स्वाद भूलेंगे नही। आज हमने लखनऊ की यादों को ताजा कर लिया, बच्चों के स्कूल भी बन्द है और गर्मियों मे बाहर का भी नही खाना है तो बस बना लिया जलेबा, आप भी बनाइए और सभी लोग खाईए।
सामग्री -
- 250 ग्राम मैदा
- 400 ग्राम चीनी (शक्कर)
- 300 ग्राम पानी
- तलने के लिए तेल
- 100 ग्राम दही
- 1/4 टी स्पून बैंकिंग सोडा
- 3 टेवल स्पून धुली उड़द दाल का पेस्ट
- चुटकी भर खाने वाला लाल रंग
- आधा टी स्पून पिसी छोटी इलायची
- एक टेवल स्पून नींबू का रस
विधि -
1) सबसे पहले चाशनी बना लें - कढ़ाई मे शक्कर व पानी डालकर एक तार से कम तार की चाशनी तैयार करे, पकाते समय ही कलर व इलायची डाल दे। पक जाने पर एक चम्मच नींबू का रस डाल दे, गैस से उतार लें और सामान्य तापमान का होने दे।
2) अब मैदा को छान ले फिर इसमें दही और पिसी उड़द दाल डालकर हल्के हाथ से मिलाएँ। ये घोल पकौड़ी के घोल जैसा होना चाहिए जरूरत पड़ने पर दही या पानी डाल सकते है। घोल को अच्छे से फैटिऐ अब इसमें सोडा व तीन चार बूंदे नीबू की डालिए और सबको मिला कर किसी प्लास्टिक या सॉस की रबर की बाटल मे डाल लें।
3) अब मध्यम गरम तेल मे बाटल दबाते हुए, बड़े आकार मे हाथ को गोल गोल घुमाते जाए। अब गैस हल्की कर दे, ये आपको भूरे होने तक तलना है तभी कुरकुरी बनेगी, यही जलेबा है।
4) इसे गरम गरम निकालते ही चाशनी मे डालकर हल्के हाथ से सीरे मे दबाऐ जिससे इसमे रस भर जाएगा फिर चिमटे से पकड़ कर प्लेट मे निकाल ले और गरम गरम एक दम कुरकुरी खाए बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।
टिप्स -
- कभी भी गरम सीरे मे जलेबा नही डालते क्योंकि उससे जलेबा नरम हो जाएगा।
- जितनी पतली व कड़क बनेगी उतनी ही स्वादिष्ट लगेगी और नीबू डालने से सीरे की शक्कर जमती नही है।
- घोल मे नींबू डालने से घोल मे खमीर अच्छा बनता है, और उड़द दाल से भी स्वाद बढ़ जाता है, यह मैदा के घोल मे डालना आवश्यक है अगर आप जलेबा कड़क खाना पसंद करते हो।
No comments:
Post a Comment