मौसम के बदलते ही बच्चों का यही सवाल रहता है मम्मी भूख लगी है नाश्ते मे क्या है । अब बच्चों को क्या बताऊं कि मैंने तो अभी कुछ भी तैयार नही किया है। बच्चे भी रोज रोज एक सा खा कर थक जाते है, मैं सोच ही रही थी कि चलो पनीर का पराठा बना देते है इतने मे ही बच्चों ने बोलना शुरू कर दिया हमे पराठा तो जरा भी नही खाना। फिर मैंने सोचा क्या बनाऊं जो पेट भरने के साथ साथ स्वादिष्ट भी हो और पौष्टिक भी। मैंने पूछा क्या तुम लोग दोसा चीला खाओगे तोे तुरन्त जवाब आया "मम्मी एक चीज बनाओ नही तो बहुत देर लगेगी और आप बहुत थक जाएंगी। मैंने कहा, "अरे न बेटा कुछ देर नही लगती झटपट तैयार हो जाएगा"।
वाह क्या बना है, बच्चों के खाते ही बोले। बच्चों के चहरो पर आई खुशी देखकर, मैं भी खुश हो गई। आप भी जरूर बनाए।
सामग्री -
- दो कटोरी बारीक सूजी
- आधी कटोरी चावल का आटा
- 1/4 कटोरी बेसन
- 1/4 कटोरी मैदा
- एक कटोरी दही
- पानी
- आधी कटोरी बारीक कटी प्याज
- एक बारीक कटा टमाटर
- 2 टेबल स्पून कद्दूकस की हुई गाजर
- 2 टी स्पून बारीक कटी शिमला मिर्च
- 5 हरी मिर्च बारीक कटी
- बारीक कटा हरा धनिया
- एक चम्मच कसूरी मैथी
- 1/2 टी स्पून पिसा जीरा
- 1/2 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर
- चुटकी भर हींग और अजवायन
- नमक स्वाद के अनुसार
- शुद्ध देसी घी या तेल
विधि -
1) सूजी, बेसन,चावल का आटा व मैदा सभी को एक बड़े बर्तन मे डाल ले सभी को सूखा ही, चम्मच से मिला ले।
1) सूजी, बेसन,चावल का आटा व मैदा सभी को एक बड़े बर्तन मे डाल ले सभी को सूखा ही, चम्मच से मिला ले।
2) दही को थोड़ा पतला करके आटे को घोल ले, यह घोल पकौड़ी के घोल से भी ज्यादा पतला बनेगा। अब इसमें स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर बीस मिनट के लिए ढँककर रख दे इससे सूजी और चावल का आटा अच्छे से फूल जाएगा । अब आप इसमें सभी मसाले व कटी हुई सब्जियाँ डालकर मिला ले, आवश्यकता के अनुसार पानी मिला सकते है और यदि पतला लगे तो बेसन डाल सकते है ।
3) तवे को गरम करे शुद्ध घी लगाकर चमचे से दोसा-चीले के घोल को फैलाए। मध्यम आंच पर सिकने दे, चारो तरफ व ऊपर घी लगाकर सेक ले।
4) दोनों तरफ से सिक जाने पर टमाटर लहसुन की चटनी, साँस या नारियल की चटनी से खाएं ।
ये तो आप समझ ही गए होंगे कि ये कितना पौष्टिक होगा। हाँ, लेकिन स्वाद को जानने के लिए आपको एक बार अवश्य बनाना पड़ेगा एक बार खा लिया तो दोबारा फिर बनाएँगे।
नोट - यदि दही नही है तो पतला छाछ भी चलेगा पर तब आप पानी बिल्कुल न डालें।
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